National Handloom Day 2024 Theme: आज नेशनल हैंडलूम दिवस यानी राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है जिसे हर साल 7 अगस्त को भारत में मनाया जाता है। बुनकरों को समर्पित राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी और इस अवसर पर अवसर पर हथकरघा यानि हैंडलूम के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
National Handloom Day 2024 Theme | राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024 का थीम
हैंडलूम हमारे भारत की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है या यों कहें कि पहचान है। हथकरघा दिवस 2023 की 9वीं वर्षगांठ मनाने की आधिकारिक थीम ‘माई हैंडलूम, माई प्राइड’ थी। हालांकि, हथकरघा दिवस 2024 के थीम को घोषणा अभी तक नहीं हुई है। आने वाले समय में इसे मंत्रालय द्वारा घोषित किया जाएगा। गौरतलब है कि हर साल इस दिवस के लिए थीम की घोषणा होती है जिसके तर्ज पर हर साल यह दिवस मनाया जाता है।
कैसे हुई हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत ?
पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2015 को मनाया गया था। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में किया था। इस दिन का इतिहास 7 अगस्त को आयोजित स्वदेशी आंदोलन से जुड़ा है। साल 1905 में लार्ड कर्ज़न ने बंगाल के विभाजन की घोषणा की। इसी दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा से स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement) की शुरुआत हुई थी। इसी घटना की याद में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
स्वदेशी आंदोलन ने स्वदेशी उद्योगों, विशेष रूप से हथकरघा बुनाई उद्योग को प्रोत्साहित किया है। इस प्रकार, भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया।
On National Handloom Day, a tribute to India’s rich cultural diversity and all those working to celebrate our artistic traditions. #MyHandloomMyPride pic.twitter.com/ethgFyHTlI
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2022
हथकरघा दिवस का इतिहास
हैंडलूम उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने के अलावा महिलाओं को आत्म निर्भर बनने का भी मौका देता है। हमारे देश में ऐसे कई राज्य हैं, जो खासतौर से अपने हैंडलूम के लिए जाने जाते हैं, जैसे- आंध्र प्रदेश की कलमकारी, गुजरात की बांधनी, तमिलनाडु का कांजीवरम और महाराष्ट्र की पैठनी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, बिहार का भागलपुरी सिल्क कुछ ऐसे हैंडलूम हैं, जो भारत ही नहीं, दुनिया भर में मशहूर हैं।
National Handloom Day मनाने का उद्देश्य क्या है ?
हथकरघा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा यह दिन बुनकर समुदाय को सम्मानित करने और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान को सराहने के मकसद से भी हथकरघा दिवस मनाया जाता है। यह बहुत जरूरी है कि हथकरघा से बनी चीजें देश- विदेश के कोने-कोने तक पहुंचे। इससे भारत को अलग पहचान तो मिलेगी ही साथ ही बुनकर समुदायों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
इस बार National Handloom Day पर क्या होगा खास ?
इस बार के हथकरघा दिवस पर देशभर से 200 से अधिक फैशन डिज़ाइनर्स हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम से सांस्कृतिक धरोहर और हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। वर्ल्ड डिज़ाइनिंग फोरम के सीईओ इसे कन्फर्म किया है। बता दें कि वर्ल्ड डिज़ाइनिंग फोरम फैशन उद्योग में प्रतिष्ठित और प्रमुख संगठन है, जिसने विश्व भर में फैशन डिजाइनरों के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।
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